मोदी के फैसले पर ओवैसी साथसंसद में बिल लाने की बात राजनीतिक मायने क्या होंगे

केंद्र सरकार ने हाल ही में देश में जातिगत जनगणना कराने का फैसला लिया है. मोदी सरकार के इस फैसले को लेकर विपक्ष अपनी पीठ थपथपा रहा है. राहुल गांधी सरकार के इस फैसले का खुद को श्रेय दे रहे हैं. इसी बीच AIMIM (ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन) सुप्रीमो और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है.
प्रधानमंत्री मोदी छाती पीटकर कहते हैं कि वे पिछड़ी जाति के नेता हैं’
असदुद्दीन ओवैसी ने शुक्रवार (2 मई, 2025) को मीडिया से बात करते हुए कहा कि हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ये अपील कर रहे हैं कि आप खुद को ओबीसी का नेता बोलते हैं. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छाती पीटकर कहते हैं कि वे पिछड़ी जाति के नेता हैं तो फिर संसद में रिजर्वेशन को लेकर बिल क्यों नहीं लाते?
प्रधानमंत्री को कौन रोक रहा है?
AIMIM सांसद ने कहा कि आप बिल लाकर 50 प्रतिशत आरक्षण को ब्रेक करो. ओवैसी ने सवाल उठाते हुए कहा कि आप जनगणना कब शुरू करेंगे? क्या 2029 लोकसभा चुनाव से पहले ये काम खत्म हो पाएगा या नहीं? आरक्षण बिल को लेकर समर्थन के सवाल पर ओवैसी ने कहा कि आप (मोदी सरकार) संसद में बिल लाइए, प्रधानमंत्री को कौन रोक रहा है? आप फौरन बिल लेकर आइए.
राहुल गांधी और अखिलेश यादव ने क्या कहा?
नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि जातिगत जनगणना को डिजाइन करने में हमारा सरकार को समर्थन है. हमारे पास बिहार और तेलंगाना के उदाहरण हैं, जिसमें जमीन-आसमान का फर्क है. केंद्र सरकार जाति जनगणना के तौर तरीके बताए. साथ ही कहा कि सरकार तारीख बताए कि कब जाति जनगणना होगी.
समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो अखिलेश यादव ने कहा कि जाति जनगणना का फैसला 90 फीसदी पीडीए की एकजुटता की 100 फीसदी जीत है. हम सबके दबाव से सरकार मजबूरन ये फैसला लेने को बाध्य हुई.